पिछले कुछ अरसे से वह टीवी और अखबारों पर छाए हुए थे. हर टीवी चैनल
पर उनकी मंद मंद मुस्कराती शक्ल दिखाई पड़ती,
जुड़े हुए हाथ तथा बगुले के
पंखों जैसी झकाझक सफेद पोशाक नजर आती . अखबार उनके महान कामों के बखान से भरे होते. दीवारों पर चस्पा बड़े बड़े पोस्टर उनके कारनामों का सिलसिलेवार
बखान करते फड़फड़ाते रहते. हाथ जोड़े मुस्कराते आदमकद कट आउट्स तो जैसे हर चौराहे, पर अपनी मौजूदगी दिखाते रहते . गोल जालीदार सफेद
नमाजी टोपी सर पर लगाए बतीसी का फरनीचर चौबीसों
घंटे ओंठों रूपी दुकान के बाहर सजाए हृदय सम्राट जी के ऑन लाइन व ऑफ लाइन दर्शन आम
जनता को आसानी से सुलभ होते. क्या शौचालय, क्या
मूत्रालय सभी की दीवारों पर उनकी तस्वीरों
ने गंभीर अतिक्रमण कर रक्खा था.
इस प्रचार युद्ध मे
वह कितने सफल थे –इसका अंदाज़ा इसी बात से लग जाएगा कि हमें लगा कि अगर हमारे चैनल
ने उनका साक्षात्कार नही लिया तो हमारे
पत्रकारिता के कैरियर पर संकट के
काले बादल छाने मे ज़्यादा वक्त नही लगेगा. लिहाजा एक रोज अलस्सुबह हम उनका लाइव
इंटरव्यू रिकॉर्ड करने उनके बंगले पर जा धमके.
इसे आप नेता जी की
खुशकिस्मती और हमारी बदकिस्मती समझें कि
जैसे ही हम बंगले के गेट पर पहुंचे ठीक
उसी वक्त एम्बुलेंस उन्हे लाद कर खौफनाक सायरन बजाती हुई तेजी से अस्पताल निकल गई.
खैर ! हमे खबर मिली
कि हृदय सम्राट जी को हार्ट अटैक का दौरा पड़ा है. उन्हे विशेष निगरानी कक्ष मे
भर्ती कराया गया है. हम समझ गए कि प्रोग्राम लम्बा है. जब तक उनकी हृदय-गति
सामान्य नहीं हो जाती तब तक
अस्पताल उन्हे जनता की सेवा नही करने देगा.
लेकिन हमारा अंदाज़ा
गलत साबित हुआ. पुष्ट खबरों से हमे पता चल चुका था कि अस्पताल पर उनकी कृपा बरस
चुकी है. अस्पताल से सही सलामत वह बाहर
निकल आए हैं और आज की तारीख मे अपने
आलीशान बंगले मे स्वास्थ्य लाभ फरमा रहे हैं.
इस बार मुहूरत
निकलवाने मे वक्त ज़ाया करने की बजाय हम तुरत फुरत उनके बंगले की तरफ दौड़ पड़े.
सवालों की परची जेब की गहरी सुरंग से बाहर निकाली और जैसे ही पहला सवाल दागने को
हुए उनके मोटे सुर्ख होंठों पर मुस्कान फैल गई. बोले- तशरीफ रखिये.
-
अब
तबीयत कैसी है ? सुना है पहला स्ट्रोक था .
-
जनाब
स्ट्रोक पड़े हमारे शुभ चिंतकों को. वो जरा टीआरपी घट रही थी अपने भक्त चैनलों की.
उन्हे मसाला देना था और कुछ नहीं.
-
-
मगर खबरों मे आया है कि आपके हृदय की सर्जरी होनी है . कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है.
मुख्य धमनी बंदी के कगार पर है.
-
अब
क्या बताऊं- हल्के से अपराध बोध होंठों पर बिखेरते हुए वह बोले “ ये कॉरपोरेट किसी न किसी बहाने बुला लेते हैं
और बुलाने के बाद चिकन मटन ये व्हिस्की की
बोतलें – कितना कुछ उतर जाता है भीतर,
हिसाब ही नही रहता. थोड़ा बहुत साइड इफेक्ट तो होगा ही.
- जी बिल्कुल वज़ा फरमाया
आपने. मुफ्त का माल यूं ही छोड़ देना आसान है क्या ?
खैर ये बताइये कि पिछली
पार्टी आपने क्यों छोड़ी थी.
-
(मुस्कराते
हुए) देखिये बहुत सिंपल है. अगले पायदान पर पैर रखना है तो पिछले पायदान से पैर
उठाना होगा न! वही तो किया है. ईमा का गलत
का बा भइया ?
-
जी
बिल्कुल. निचला पायदान नहीं छूटेगा तो उपरले पर कैसे चढ़ेगा बंदा ? ज़रा
ये बताइये कि इन्ही दिनों पिछले साल आप
हिंदू युवा हृदय सम्राट हुआ करते थे. आजकल कौन से हैं.
-
(
गर्व से सीना तान कर) आज कल हम मुस्लिम
युवा हृदय सम्राट हैं . ये टोपी ये लम्बा सफेद कुरता और ऊंचा पायजामा देख कर भी
नही समझे आप?
हमने अपने तुच्छ सामान्य ज्ञान
पर झेंपते हुए कहा- जी चूक हो गई मुआफी
चाहता हूं.खत देख कर मजमून का अंदाज़ा लग जाना चाहिए था. खैर . गिरते हैं शहसवार ही
मैदाने जंग में. अब जरा ये बताइये कि भविष्य मे कौन से हृदय सम्राट बनना चाहेंगे ?
-
देखिये
ये तो वक्त की डिमांड पर डिपेंड करता है.
-
वैसे
मजहब तो चार ही हैं अपने यहां. हिंदू और मुस्लिम युवा हृदय सम्राट तो आप बन ही चुके. अब बाकी सिक्ख व ईसाई युवा हृदय
सम्राट दो एक साल मे बन ही जाएंगे. मगर उसके बाद क्या होगा ?
इस पर वह खीझ कर
बोले- हृदय सम्राटी को किसी मजहबी चश्मे
से मत देखें. धर्मों के बाद उनकी जातियां हैं. मसलन मै यादव हूं तो आगे कभी यादव हृदय
सम्राट बनने के रास्ते भी खुले हैं. ओबीसी भी हूं तो ओबीसी हृदय सम्राट भी बना जा
सकता है . दलित कैटेगरी मे आने से दलित युवा हृदय सम्राटी भी पक्की
समझो. इसके बाद प्रदेश हृदय सम्राट ,
भारत हृदय सम्राट व अंत मे
विश्व युवा हृदय सम्राट बनने से अपने को
कौन रोक लेगा ? मैं सर्विस मे भी हूं अत: कर्मचारी युवा हृदय सम्राट भी
बन सकता हूं. उत्तर भारत से बिलौंग करने के कारण उत्तरभारत युवा हृदय सम्राट भी बन
सकता हूं. मुझे कलम घसीटना भी आता है सो
लेखक युवा हृदय सम्राट भी हो सकता हूं. ये थोड़े से उदाहरण हैं जो युवा हृदय
सम्राटी के उज्ज्वल भविष्य की तरफ इशारा करते हैं. तो भाई हरि अनंत हरि कथा अनंता
वाली बात है. धर्म हैं संप्रदाय हैं क्षेत्र हैं भाषाएं हैं प्रांत हैं त्वचा का
रंग है. गायन है कला है, अभिनय है – बरसों तक का कोटा मौजूद है.
-
आपके
बारे मे मशहूर है कि आप जिस थाली मे खाते
हैं उसी मे छेद कर देते हैं. ऐसा क्यों.
-
जी नहीं. मै जितना खाता हूं उतना ही गाता
हूं. लोग
एक मुट्ठी भात आगे डाल कर जिंदगी भर गवाते रहेंगे तो कैसे चलेगा . मै नही
गाता तो गद्दार धोखे बाज कह देते हैं.
-
पर
ऐसे लोगों को गद्दार कहा जाता है.
-
कहने
वाले कहते रहें अपनी सेहत पर कोई फर्क नही पड़ता. हाथी चलता रहता है. कुत्ते भौंकते
रहते हैं. अपना तो क्लियर फंडा है. इस पार्टी मे रहो, तो
उस पार्टी से मोल भाव करते रहो. जब डील पक्की हो जाय तो तत्काल पार्टी छोड़ कर
दूसरी मे शामिल हो जाओ. नैतिकता गई तेल लेने.
-
जब
आपकी मौजूदा पार्टी सत्ता मे आई तो गरीब,
मजदूर, किसान
छोटे दुकानदार , बेरोजगार बड़े खुश हुए थे कि अवतार जन्म ले चुका है. अब
सारा भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा. हर हाथ को काम मिलेगा, हर
पेट को रोटी. ऐसा हुआ नहीं. किसानों की
आत्महत्या पहले से कई गुना बढ़ गई. आप की सरकार जरूरतमंदों की मदद का नाटक करती रही. खेत मे किसान सीमा पर
जवान मरते रहे. अब तो आपने स्पेशल इकोनॉमिक जोन के नाम पर किसानों की जमीनें हड़पना
भी शुरू कर दिया है. और वे जमीने औने पौने दामो पर आप कारपोरेटों को नज़र कर रहे
हैं . क्या यह उचित है ?
-
आप
ही बताइये पार्टी फंड मे करोड़ों का चंदा कौन देते हैं? लुटे-पिटे
किसान
या कॉरपोरेट ? पार्टी किसका खयाल करे ?
-
मगर
इंसानियत भी तो कोई चीज़ है कि नही ?
-
इंसानियत
गई कूड़े के ढेरों पर खाना खोजने . ऐसे इमोशनल जुमलों से राजनीति नहीं चलती. अपना
तो सीधा हिसाब है. इस हाथ दे उस हाथ ले.
-
मगर
अगली बार वोट कैसे मिलेंगे?
-
हमे
अपनी चुनाव प्रणाली पर पूरा भरोसा है . आप टेंशन न लें.
-
आप
पर अक्सर यह भी आरोप लगता है कि जिन की मदद से आप ऊपर पहुंचते हैं, पहुंच
कर सबसे पहले उन्हीं का हिसाब किताब निपटाते
हैं. क्या यही मानवता है?
-
हृदय
सम्राट जी तनिक मुस्कराकर बोले – इन सड़ी गली मान्यताओं को दिलो दिमाग से आप नही
निकल पाए इसीलिए जीवन मे कामयाब नही हुए. अरे मतलब साधो और निकल लो. इमोशनल हुए तो
बगल वाला धक्का देकर आगे निकल लेगा. रात दिन दिलो दिमाग मे बस एक ही संकल्प रहना
चाहिए – मुझे ऊपर पहुंचना है. चाहे किसी भी कीमत पर.
-
अभी
बातचीत चल ही रही थी कि असिस्टेंट भीतर आया और बोला- बाहर भारी भीड़ इकट्ठा है.
नारे लगा रही है.
-
हृदय
सम्राट जी के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच आईं . इंटेलीजेंस ने इस बारे मे बताया
क्यों नहीं. सीसीटीवी पर देखा – भीड़ नारे लगा रही थी हमारे युवा हृदय सम्राट- जिंदाबाद.
-
युवा
हृदय सम्राट हंसे और धीरे से बड़बड़ाए- गधे .
-
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें