उसी
चौराहे पर
जहाँ पर मुस्कराती बुद्ध की प्रतिमा लगी थी –
आज
उसके ठीक नीचे दिन दहाड़े
ंंचाकुओं से गोद कर
एक जिंदा आदमी को लाश में तब्दील कर डाला गया ।
एक जिंदा आदमी को लाश में तब्दील कर डाला गया ।
लाश से बहतेे लहू के लाल फव्वारे
छिटक कर बह रहे थे मूर्ति के उस भाग
से
जहां आंखें बनी थीं ।
बुद्ध के अनुयायियों ने बुद्ध को
खून
के आंसू रुला कर
ऐतिहासिक
फर्ज पूरा कर लिया ।
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